पदबन्ध
परिभाषा-जब एक से अधिक पद मिलकर एक व्याकरणिक इकाई का काम करते हैं, तब उस बँधी हुई इकाई को 'पदबंध' कहते हैं। जैसे-दशरथ सुत राम ने सबका मन मोह लिया।
यहाँ 'दशरथ सुत राम' पद मिलकर कर्ता कारक का कार्य संपन्न कर रहे हैं। अतः यह एक पदबंध है।
पदबंध के भी दो उपभेद हैं।
(क)शीर्ष पद
(ख)आश्रित पद
शीर्ष पद अन्य पदों का आधार या केंद्र होता है। अन्य पद उस पर आश्रित होते हैं।
जैसे- 'दशरथ सुत राम' में 'राम' शीर्ष पद है। तथा वह 'दशरथ सुत' 'राम' पर आश्रित है।
अन्य उदाहरण
सामने एक बहुत सुंदर बच्चा खेल रहा है।
इस पदबंध में शीर्ष पद है बच्चा है। शेष पद इस पर आश्रित है।
पद व पदबंध में अन्तर
जब कोई एक शब्द वाक्य में किसी इकाई (संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, क्रिया, अव्यय आदि) का काम करता है तो यह पद कहलाता है। इसके विपरीत, जब एकाधिक पद (शब्द) मिलकर किसी एक संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, क्रिया या अव्यय का काम करते हैं तो उस बंधी हुई इकाई को पदबंध कहते हैं।
पदबंध के प्रकार
पदबंध के पाँच भेद हैं
(1) संज्ञा पदबन्ध-वाक्य में संज्ञा पदों की जगह प्रयुक्त होने वाला पदबंध संज्ञा पदबंध कहलाता है।
स्वाभाविक रूप से संज्ञा पदबंध के साथ भी संज्ञा पद की तरह कारक चिन्ह का प्रयोग होता है।
जैसे-सामने के मकान में रहने वाला लड़का आज चला गया।
कपिल देव सबसे अधिक विकेट लेने वाला गेंदबाज है।
पाकिस्तान से आए हुए लोग लुधियाना गए हैं।
देश के लिए मर मिटने वाला व्यक्ति सच्चा देशभक्त होता है।
छत पर रहने वाला कबूतर आज दिखाई नहीं पड़ा।
(2)सर्वनाम पदबन्ध वाक्य में सर्वनाम पद का कार्य करने वाले पदबन्ध सर्वनाम पदबंध कहलाते हैं।
जैसे-शेर की तरह दहाड़ने वाले तुम काँप क्यों रहे हो?
किसी की परवाह न करने वाला मैं तुझसे क्यों डरने लगा?
इस छात्रावास में रहने वाले छात्रों में से कुछ क्रिकेट के बहुत शौकीन है।
इतनी लगन से काम करने वाला मैं असफल नहीं हो सकता।
सोच समझकर काम करने वाला वह गलती नहीं करेगा।
(3)विशेषण पदबन्ध जो पद संज्ञा या सर्वनाम के विशेषण के रूप में प्रयुक्त होते हैं, उन्हें विशेषण पदबंध कहा जाता है।
विशेषण पदबंध में एक विशेषण शीर्ष पद में स्थित होता है,तथा शेष पद प्रविशेषण बनकर प्रयुक्त होते हैं।
जैसे कपिल बहुत अच्छा खिलाड़ी है। यहां बहुत अच्छा विशेषण पदबन्ध है क्योंकि यह खिलाड़ी की विशेषता प्रकट कर रहा है। अच्छा शीर्ष पद है तथा बहुत प्रविशेषण अच्छा की विशेषता बता रहा है।
अन्य उदाहरण-सामने की दुकान पर चाय पीने वाला लड़का अपने घर चला गया।
सुंदर व स्वच्छ लेख लिखने वाला सोहन पुरस्कार अवश्य प्राप्त करेगा।
मीठे-मीठे सपने देखने वाले लोग अकर्मण्य होते हैं।
इस गली में सबसे बड़ा मकान यादव जी का है।
(4) क्रिया पदबंध-एक से अधिक क्रियापद मिलकर जहां क्रिया का कार्य संपन्न करते हैं वहां क्रिया पदबंध होता है।
जैसे-मुझे सुनाई पड़ रहा है। यहां सुनाई पड़ रहा है पदबंध क्रियापद का कार्य कर रहा है, अतः क्रियापद बंद है। अन्य उदाहरण-दिन-रात परिश्रम करने वाले सफल हो जाते हैं।
बालक खेल रहा है।
विद्यार्थी पढ़ कर सो गए हैं।
नाव पानी में डूबती चली गई ।
रेखा हर समय झाडू लगाती रहती है।
घोड़े मैदान में हिन-हिना रहे होंगे।
(5)क्रिया विशेषण पदबंध क्रिया विशेषण की जगह प्रयुक्त होने वाले एकाधिक पदों का समूह क्रिया विशेषण पद बंद कहलाता है।
जैसे-सोहन बहुत धीरे-धीरे बोलता है।
यहां बहुत धीरे-धीरे क्रिया विशेषण पदबंध है। क्योंकि यह बोलना क्रिया की विशेषता बतला रहा है। इनमें धीरे-धीरे क्रिया विशेषण शीर्ष पद है तथा बहुत आश्रित पद है।
अन्य उदाहरण-गेंद की तरह लुढ़क कर वह नीचे आ गिरा।
कश्मीर से कन्याकुमारी तक भारत एक है।
निरुपमा सब लड़कियों में सुंदर है।
गाड़ी बहुत देर से छूटेगी।
तेज दौड़ता हुआ हिरण गायब हो गया।
हमारा खेत इस कोने से उस कोने तक फैला है।