मनुष्य एक सामाजिक प्राणी हैं | प्राचीन काल से ही मनुष्य समूह में रहते हुए आया है | मानव समूह में दो से लेकर सैकडों,हजारों सदस्य रहते आये हैं | उस समूह के सदस्यों को एक दूसरे से सम्बन्ध निर्वहन हेतु ,आवश्यक वार्तालाप हेतु ,एक माध्यम की आवश्यकता पड़ी | ये लोग प्रारम्भ में हाथ से संकेत ,शारीरिक भाव भंगिमा , चेहरे के हाव-भाव आदि से काम चलाते थे | बाद में इन सबका स्थान मुँह से निकले ध्वनि संकेतों ने ले लिया | एक समुह में रहने वाले लोगों के ध्वनि संकेत समान होते थे |
कालांतर में ये ध्वनि संकेतों ने ही परिष्कृत भाषा का रूप ले लिया| किन्तु आज भी संसार में हजारों प्रकार की भाषायें बोली जाती हैं | हमारे देश भारत में भी सैकड़ों प्रकार की भाषायें प्रचलित हैं|
भाषा की परिभाषा
मन के भावों एवम् विचारों की अभिव्यक्ति भाषा कहलाती है |
भाषा के दो रूप माने जाते हैं-
1 मौखिक भाषा
2 लिखित भाषा
कई बार हम चौराहे पर लाल बत्ती जलने पर रुक जाते हैं ,अध्यापक के मुँह पर उँगली रखने पर बच्चे शांत हो जाते हैं ,हाथ के संकेत से हम किसी परिचित को आने या जाने का संकेत कर सकते हैं|यह सांकेतिक भाषा का रूप है | इसे भाषा के रूपों में नही गिनते क्योंकि यह जरुरी नहीं कि संकेत कर्ता द्वारा किया गया उद्देश्य ही देखने वाला ग्रहण करे |
भारत की प्रमुख भाषाएँ
कहावत है , कि "पाँच कोस पर बदले पानी , सात कोस पर बानी |
भारत एक बहुत बड़े भूभाग में फैला हुआ देश है | यहाँ पर अधिकांश राज्यों में अलग-अलग भाषाएँ प्रयुक्त होती हैं |
भारतीय संविधान में 22 भारतीय भाषाओं को मान्यता प्रदान की गई हैं |
ये भाषाएँ हैं- संस्कृत,हिन्दी,सिन्धी,तमिल,तेलुगू,मलयालम,गुजराती,मराठी,पंजाबी,कोंकड़ी,कश्मीरी,उर्दू,उड़िया,
असमिया,कन्नड़,बांग्ला,नेपाली,बोडो,डोगरी,मैथिली,संथाली और मणिपुरी आदि |
भारतीय संविधान में 22 भारतीय भाषाओं को मान्यता प्रदान की गई हैं |
ये भाषाएँ हैं- संस्कृत,हिन्दी,सिन्धी,तमिल,तेलुगू,मलयालम,गुजराती,मराठी,पंजाबी,कोंकड़ी,कश्मीरी,उर्दू,उड़िया,
असमिया,कन्नड़,बांग्ला,नेपाली,बोडो,डोगरी,मैथिली,संथाली और मणिपुरी आदि |
1 comment:
nice post
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