हास्य बालकविताएं

आदरणीय साथियों !

 कई मित्रों द्वारा शुरुआती कक्षाओं का अध्यापन करवाया जाता है, उनके द्वारा उसी स्तर की कविताओं की माँग की गई थी । प्रस्तुत हैं कुछ बाल कवितायें -

                 (1)

बिल्ली का स्कूल 

बिल्ली ने खोला स्कूल,
     लेकर बैठी एक रूल ।
माफ़ करी जब पूरी फीस,
       चूहे आये पन्द्रह-बीस ।
जब बिल्ली का मन ललचाया,
      चुपके से एक चूहा खाया ।
जाने किसने खोली पोल, 
      शोर मचाया पीटा ढ़ोल ।
दरवाजे में ताला डाल,
      चूहों ने कर दी हड़ताल ।।
    

              (2)

हमारो बाबो मोटर गाड़ी चलावे,
औरन की गाड़ी में सीट बिछ्त है,
हमारो बाबो फटी बोरी बिछावे । हमारो बाबो ...............
औरन की गाड़ी में लाईट जलत हैं,
हमारो बाबो फूटी लालटेन जलावे । हमारो बाबो ...........
औरन की गाड़ी में डीजल डलत है,
हमारो बाबो धक्का दे दे चलावे । हमारो बाबो...............
औरन की गाड़ी में होरन बजत है।
हमारो बाबो फूटो पीपा बजावे । हमारो बाबो ..................
             (3)

अनपढ़ बन्दर का ब्याह

अनपढ़ बन्दर बोला मम्मी 
मैं भी ब्याह कराऊँ ।
सुन्दर और प्यारी सी एक बंदरिया लाऊँ ।
उसकी मम्मी बोली बेटा सुन ले साँची बात,
पढ़े नहीं गर अच्छे से तो नहीं ले जा सके बारात ।
                        श्री दीन दयाल शर्मा विरचित

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