हिंदी वर्णमाला 3

व्यंजन

व्यंजन वे ध्वनियाँ हैं जिनके उच्चारण में मुँह से निकलने वाली वायु में रूकावट होती है । व्यंजनों के उच्चारण में स्वरों की सहायता की जरुरत होती है ।

व्यंजनों के भेद

    (क)   स्पर्श व्यंजन – ‘क’ वर्ग से ‘प’ वर्ग तक 25 व्यंजन स्पर्श व्यंजन कहलाते हैं ,क्योंकि इन व्यंजनों उच्चारण में वायु मुख के किसी न किसी भाग को स्पर्श करते हुए निकलती है |

         क ख ग घ ङ
           च छ ज झ ञ
           ट ठ ड ढ ण
           त थ द ध न
           प फ ब भ म
(ख) अंतस्थ व्यंजन-इन व्यंजनों के उच्चारण में वायु स्पर्श व्यंजनों की तुलना में कम रूकावट से  निकलती है | इनकी संख्या चार है
                    य र ल व
(ग)  ऊष्म व्यंजन- इन व्यंजनों के उच्चारण में मुँह से निकलने वाली वायु कुछ गर्म (ऊष्म) हो जाती है,इसलिए इन व्यंजनों को ऊष्म व्यंजन कहते हैं,इनकी संख्या भी चार है  
                      श ष स ह
उच्चारण के आधार पर व्यंजन 
  उच्चारण के आधार पर व्यंजन दो प्रकार के होते हैं -
1 अल्पप्राण-जिन व्यंजनों के उच्चारण में साँस की मात्रा कम लगानी पड़ती है,उन्हें अल्पप्राण व्यंजन कहते हैं | ये हैं -
         क ग ङ
         च  ज ञ
         ट ड ण
         त द  न
         प ब  म
        य र ल व   आदि 
महाप्राण - जिन व्यंजनों के उच्चारण में अधिक समय व अधिक साँस की मात्रा लगानी पड़ती है , उन व्यंजनों को महाप्राण व्यंजन कहते हैं | जैसे- 
     ख घ 
     छ झ
     ठ  ढ
     थ ध 
      फ भ
      श ष स ह
उच्चारण स्थान के आधार पर व्यंजनों का वर्गीकरण 
1 कंठ्य व्यंजन - वे व्यंजन जिनका उच्चारण कंठ के अन्दर से किया जाता है,कंठ्य व्यंजन कहलाते हैं 
  क ख ग घ  ङ ह
2 तालव्य - इनके  उच्चारण में जीभ का अगला भाग ऊपर उठकर तालु को स्पर्श करता है , ये हैं - 
   च छ  ज झ ञ श य  आदि वर्ण 
मूर्धन्य व्यंजन - इन व्यंजनों के उच्चारण में जीभ का अग्र भाग मूर्धा (तालू का बीच वाला ऊपर का कठोर भाग ) को स्पर्श करता है | जैसे- ट  ड  ण र ष आदि |
 4 दन्त्य व्यंजन - ये वे व्यंजन हैं , जिनके उच्चारण में जीभ की ऊपर की नोक दांतों को स्पर्श करती है | ये हैं -
 त थ द ध 
5 वर्त्स्य व्यंजन - वर्त्स्य का अर्थ होता है मसूड़ा अर्थात जिन व्यंजनों के उच्चारण में जीभ का स्पर्श दांतों से थोडा ऊपर मसूडों के  साथ होता है -जैसे  ल  स आदि 
व्यंजन न और स को पारम्परिक रूप से दन्त्य कहा जाता है ,किन्तु इनका वास्तविक उच्चारण वर्त्स्य से है |
6 ओष्ठ्य व्यंजन - वे व्यंजन जिनका उच्चारण दोनों होठों को मिलाने से होता है ओष्ठ्य व्यंजन कहलाते हैं |जैसे- प फ ब भ म व आदि व्यंजन |

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