हिन्दी वर्ण माला -2

हिंदी वर्णमाला में हम स्वरों का विभाजन दो प्रकार से कर सकते हैं -

1 मात्रा के आधार पर 
2 प्रकृति के आधार पर 

मात्रा के आधार पर हिन्दी वर्णमाला के 11 स्वरों के तीन भेद हैं -

1  ह्रस्व स्वर -

जिन स्वरों के उच्चारण में सबसे कम ( एक मात्रा ) का समय लगता है , उन्हें ह्रस्व स्वर कहते हैं । ये हैं -
अ , इ, उ , ऋ आदि

2 दीर्घ स्वर -

वे स्वर जिनके उच्चारण में ह्रस्व से अधिक ( दो मात्रा ) समय लगता है ,उन्हें दीर्घ स्वर कहते हैं -
आ,ई,ऊ,ए,ऐ,ओ,औ, आदि

3 प्लुत

 वे स्वर जिनके उच्चारण में ह्रस्व से (तीन गुना) समय लगता है ,प्लुत स्वर कहलाते हैं-
अब हिंदी में इनका प्रयोग लगभग समाप्त हो गया है ।

प्रकृति के आधार पर स्वरों का विभाजन-

1 संयुक्त स्वर -

वे स्वर जो दो या दो से अधिक स्वरों से मिलकर बने हैं, संयुक्त स्वर कहलाते हैं । जैसे
अ +ए =ऐ
अ +ओ =औ

2 मूल स्वर -

वे स्वर जो बिना किसी दूसरे स्वर के सहयोग से बने या बोले जाते हैं ,मूल स्वर कहलाते हैं | जैसे-
अ,आ,इ,ई,उ,ऊ,ऋ,ए,ओ आदि।

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