लिंग (Gender)

संज्ञा विकारी शब्द है |
विकारी का अर्थ है -जिसमें विकार( परिवर्तन) उत्पन्न हो। संज्ञा शब्दों में परिस्थिति के अनुसार परिवर्तन हो जाता है | ये परिवर्तन अथवा विकार जिन तत्वों (परिस्थितियों ) के कारण उत्पन्न होते हैं|वे लिंग,वचन और कारक हैं |

लिंग 

शब्द के जिस रूप से उसके पुरुष अथवा स्त्री जाति का होने का बोध होता है, उसे लिंग कहते हैं |
हिन्दी में लिंग के दो भेद हैं-
1 पुल्लिंग (Masculine Gender)
2 स्त्रीलिंग (Feminine Gender)

1 पुल्लिंग 

शब्द के जिस रूप से उसके पुरुष जाति के होने का बोध होता है उसे पुल्लिंग कहते हैं |
जैसे-कुलदीप, सचिन, योगेन्द्र, हरिओम, राधेश्याम, सीताराम, लड़का, अख़बारवाला, अभिनेता, आदि शब्द |

2 स्त्रीलिंग 

शब्द के जिस रूप से उसके स्त्री जाति का होने का बोध होता है, उसे स्त्रीलिंग कहते हैं |
जैसे- गीता, सीता, मीरा, आकांक्षा, सरिता, लड़की, आदि शब्द |

हिन्दी भाषा में निर्जीव वस्तुओं को भी पुल्लिंग और स्त्रीलिंग में बांटा गया है |

निम्नलिखित प्रकार के शब्द प्रायः पुल्लिंग होते हैं-
1 देशों के  नाम    जैसे - अमेरीका, चीन , जापान , भारत  आदि 
2 समुद्रों के नाम    जैसे - हिन्द महासागर , कालासागर , अरब सागर  आदि 
3 पर्वतों के  नाम     जैसे - हिमालय , यूराल , काकेशस , अरावली  आदि 
4 ग्रहों  के   नाम    जैसे - शनि , राहु , मंगल , सूर्य ,चन्द्रमा आदि 
5 अनाजों के नाम   जैसे - चना , गेहूँ ,मटर , जौ आदि 
6 वारों(दिनों )के नाम    जैसे- सोमवार , मंगलवार ,बुधवार , शनिवार  आदि 
7  धातुओं  के नाम      जैसे - सोना , पीतल , ताँबा, लोहा  आदि 
8 पेड़ो के नाम      जैसे  -  नीम , पीपल , बरगद , आम  आदि 
9 नगों  के नाम       जैसे  -   हीरा , पन्ना ,  मूँगा,मोती  आदि 
10 महीनो  के नाम     जैसे  -   मार्च  , अप्रैल ,जून ,जुलाई  आदि 
11 इ, ई, ऋ को छोड़कर वर्णमाला के वर्ण पुल्लिंग होते हैं |
12 द्रव पदार्थों के नाम - दूध, पानी, तेल,पैट्रोल आदि |
13 भारी, बेडौल, कर्कश, कठोर, मोटी वस्तुओं के नाम - रस्सा, गड्ढा, लक्कड़, बोरा, ट्रक, टैंकर आदि |
14 अधिकांशतः अकारांत शब्द पुल्लिंग होते हैं |
15 खाना, दान, वाला, एरा तथा आर शब्दांत वाले शब्द पुल्लिंग होते हैं, जैसे-दवाखाना, पीकदान, दूधवाला, चचेरा, दुकानदार आदि शब्द |

हिंदी में ये शब्द प्रायः स्त्रीलिंग होते हैं 

  • संस्कृत के आकारांत, उकारांत और ईकारांत शब्द अधिकांशत स्त्रीलिंग होते हैं | जैसे-रमा, मधु तथा पार्वती आदि |
  • जिन शब्दों के अंत में आवट, आहट, इया, ता, आई, नी, इमा, त, री, अना आदि जुडा होता है , वे शब्द स्त्रीलिंग कहलाते हैं | जैसे-सजावट, घबराहट, लुटिया, सभ्यता, पढाई, ओढ़नी, महिमा, गठरी, भावना आदि शब्द |
  • भाषाओँ, बोलियों,नदियों, झीलों और लिपियों के  नाम |
  • समुदाय, सभा, समिति का बोध कराने वाले शब्द |
  • अरबी, फारसी, के वे शब्द जिनका अंत  'त','श','आ','या','ह' से होता है स्त्रीलिंग माने जाते हैं | जैसे- इज्ज़त, मालिश, दवा और सुबह आदि  

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