आधुनिक कविता का इतिहास

भारतेन्दु काल 

भारतेन्दु हरिश्चन्द्र को आधुनिक हिन्दी साहित्य का प्रवर्तक माना जाता है | इस काल में हिन्दी साहित्य नई चेतना और आधुनिकता से युक्त हुआ |
आचार्य रामचन्द्र शुक्ल के मतानुसार भारतेन्दु जी ने हिन्दी साहित्य को एक नये मार्ग पर खड़ा किया | वे साहित्य के नये युग के प्रवर्तक हुए |

भारतेन्दु युग के प्रमुख रचनाकार 

1. भारतेन्दु हरिश्चन्द्र 

भारतेन्दु जी का जन्म 1850ई. में और मृत्यु 1885 ई. में अल्पायु में ही हो गई | उनकी रचनाओं की संख्या बहुत बड़ी है | उन्होंने न केवल साहित्य की विविध विद्याओं को समृद्ध किया अपितु अनेक विद्याओं का प्रवर्तन भी किया |
भारतेन्दु हरिश्चंद्र और उनके सहयोगी रचनाकारों ने अधिकांशत: ब्रजभाषा में ही कविता की है | भारतेन्दु जी ने स्वयं खडी बोली में कविता लिखी हैं | उन्होंने उर्दू में 'रसा' नाम से कविता की है | भारतेन्दु जी ने सर्वाधिक संख्या में नाटक लिखे हैं | उनके प्रमुख नाटक वैदिकी हिंसा हिंसा न भवति, चन्द्रावली, विषस्य विषमौषधम्, भारत दुर्दशा, नील देवी, अंधेर नगरी, प्रेम जोगनी और सती प्रताप आदि हैं |

2. प्रताप नारायण मिश्र

प्रताप जी का जन्म 1856 ईस्वी में तथा मृत्यु 1894 ईस्वी में हुई | इनको भी केवल 38 वर्ष की अल्पायु प्राप्त हुई |उन्होंने 'ब्राह्मण' पत्रिका निकाली | उन्होंने संगीत शाकुंतल, हठी हम्मीर, कलि-प्रभा और जुआरी-खुआरी आदि नाटक लिखे | इन्होने कविताओं  के लिए आल्हा, लावणी जैसी लोक-प्रचलित शैलियों का उपयोग किया |

3. बालकृष्ण भट्ट

भट्ट जी का जन्म प्रयाग में 1844ईस्वी में और मृत्यु 1914ई. में हुई | भट्ट जी 'हिन्दी प्रदीप' नामक पत्रिका निकालते थे | वे निबंधकार, समीक्षक और समीक्षक भी थे | उन्होंने कविराज की सभा, रेल का विकट खेल, बाल-विवाह और चंद्रसेन आदि नाटकों की रचना की |

4. बदरीनारायण चौधरी प्रेमघन

इनका जन्म मिर्जापुर में 1855 ईस्वी में तथा मृत्यु 1922 ईस्वी में हुई | वे 'आनन्द कादम्बिनी' पत्रिका निकालते थे | भारत सौभाग्य, प्रयाग रामागमन उनके प्रसिद्ध नाटक थे |
प्रेमधन जी ने 'जीर्ण-जनपद' नामक काव्य लिखा |
उक्त के अलावा लाला श्रीनिवास दास, ठाकुर जगमोहन सिंह, पण्डित राधाचरण गोस्वामी आदि साहित्यकार हुए |

हिन्दी भाषा व्याकरण, काव्य-शास्त्र, हिन्दी साहित्य का इतिहास एवं हिन्दी व्याकरण ऑनलाइन टेस्ट देने उनकी उत्तर व्याख्या वीडियो देखने के लिए log in करें hindikojano.blogspot.com और हिन्दी भाषा से सम्बंधित समस्त विषय-वस्तु प्राप्त करें |


   

No comments:

काव्य-गुण