हिन्दी सुधार या जागरण काल

द्विवेदी काल 

हिन्दी साहित्य का 1900 ईस्वी से 1915 ईस्वी तक का समय द्विवेदी युग कहलाता है | भारतेन्दु-युग में काव्य की विषयवस्तु देशभक्ति, श्रृंगार, भगवत-भक्ति था उसमें अब परिवर्तन आने लगा | ब्रजभाषा का माधुर्य भी अब जनरुचि खोने लगा | ऐसे समय में महावीर प्रसाद द्विवेदी जी ने 'सरस्वती पत्रिका' का सम्पादन अपने हाथ में लिया | यहाँ से हिन्दी में जागरण या सुधार का एक नया युग प्रारम्भ हुआ |

प्रमुख रचनाकार 

1. महावीर प्रसाद द्विवेदी 

द्विवेदी जी का जन्म 1864 ईस्वी में रायबरेली के दौलतपुर गाँव में हुआ | द्विवेदी जी कवि, आलोचक, निबंधकार, अनुवादक और पत्रकार थे | इनके मौलिक और अनुवादित लगभग 80 ग्रन्थ हैं | इनकी मुख्य काव्य-कृतियाँ काव्य-मंजूषा, सुमन तथा अनुवादित में कुमारसंभवसार, गंगालहरी आदि प्रमुख हैं |

2. अयोध्यासिंह उपाध्याय 'हरिऔध'

हरिऔध जी का जन्म 1865 ईस्वी में निजामाबाद में हुआ | हरिऔध जी ने हिन्दी के प्रथम महाकाव्य 'प्रिय-प्रवास' की रचना की | इसके अलावा पद्य प्रसून, चुभते चौपदे, रस कलस और वैदेही वनवास जैसे काव्यों की रचना की |

3. मैथिलीशरण गुप्त 

गुप्त जी का जन्म 1886 ईस्वी में चिरगाँव (झाँसी) में हुआ | उनके रचित काव्य-संग्रहों में रंग में भंग, भारत भारती, जयद्रथ वध, साकेत, पंचवटी, झंकार, यशोधरा, द्वापर, जयभारत, गुरुकुल, किसान, विष्णुप्रिया आदि  प्रमुख है |

4. नाथूराम शर्मा 'शंकर'

इनका जन्म 1859 ईस्वी में अलीगढ़ के हरदुआगंज में हुआ | इनके काव्य में देशप्रेम, समाज सुधार, हिन्दी भाषा प्रेम आदि की भावनायें प्रमुख रूप से निरूपित हुई हैं | इनके प्रमुख काव्यग्रन्थ अनुराग रत्न, शंकर-सरोज, शंकर सर्वस्व आदि हैं |

5. रामनरेश त्रिपाठी 

त्रिपाठी जी का जन्म 1889 ईस्वी में जौनपुर जिले के कोइरीपुर गाँव में हुआ | त्रिपाठी जी द्वारा रचित चार प्रमुख ग्रन्थ मिलन, पथिक, मानसी और स्वप्न आदि प्रकाशित हुए हैं |

6. गयाप्रसाद शुक्ल 'सनेही'

सनेही जी का जन्म 1883 ईस्वी में उन्नाव जिले के जोन्धरी गाँव में हुआ | इन्होने देशभक्ति पूर्ण कवितायेँ लिखी है | इन्होनें भारतोत्थान और भारत प्रशंसा आदि काव्य-ग्रन्थ लिखे | 

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