निबन्ध लेखन
"निबन्ध" शब्द का शाब्दिक अर्थ 'अच्छी प्रकार से बंधा हुआ' है |
निबन्ध भावों और विचारों की अभिव्यक्ति का माध्यम है |
किसी विषय का विस्तारपूर्वक सुचारू रूप से किया गया वर्णन "निबन्ध" कहलाता है |
निबन्ध लेखन सम्बन्धी जरुरी बातें-
- निबन्ध सरल,रुचिकर और प्रभावी भाषा में लिखा जाना चाहिए |
- निबन्ध के विषय की विषद जानकारी होनी चाहिए |
- निबन्ध पाठकों की रूचि और उनके स्तर के अनुसार होना चाहिए |
- निबन्ध का आकार विषय-वस्तु के अनुसार होना चाहिए |
निबन्ध के अंग
निबन्ध के मुख्य रूप से तीन अंग माने गए हैं-
- भूमिका
- विषय-विस्तार
- उपसंहार
निबन्ध के भेद
निबन्ध के मुख्य रूप से तीन भेद हैं-
1. विचारात्मक निबन्ध - इन निबन्धों में विचारों की प्रधानता होती है |
2. वर्णनात्मक निबन्ध - इन निबन्धों में मेले,घटना,दृश्य,जीवनी आदि का वर्णन होता है |
3. भावात्मक निबन्ध- इन निबंधों में भावों की प्रधानता होती है |
1 comment:
Good job sir
Post a Comment